इक्षाएं हैं
कि बार बार निकल पड़ना चाहती हैं
भावनाएं हैं
कि बार बार फुट पड़ना चाहती हैं
दिल है
कि दर्द को महसूस करना चाहता है
दिमाग है
कि सत्य को खोज लेना चाहता है
पर
परिस्थितियां हैं
कि दिमाग को कुंद किये देती है
व्यावहारिकता है
कि दिल को स्पन्दन्हीन किये देता है
बेबसी है
कि भावनाओं को नीलम किये देती है
और बचती हैं
इक्षाएं सिर्फ इक्षाएं
बेबस निरीह भोली भली इक्षाएं.........
Lok Sabha polls in Barmer 2009
14 वर्ष पहले
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें