शब्द किस तरह कविता बनते हैं,इसे देखो…
अक्षरों के बीच घिरे हुए आदमी को पढो
क्या तुमने सुना की यह लोहे की आवाज है
या मिटटी में गिरे खून का रंग?
लोहे का स्वाद लोहार से मत पूछो…
उस घोडे से पूछो जिसके मुह में लगाम है”
-सुदामा पाण्डेय "धूमिल"
hame to ab bhi woh guzra zamana yaad aata hai
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